समुन्दर का शिकारी : सम्राट मार्टिन की सल्तनत(भाग - 10)
"मै भी उसी कंपनी के एक शिप का कैप्टन था.. पर अफ़सोस की मेरा जहाज डूब गया... बड़ी मुश्किल से मैने अपनी जान बचायी. मुझे दुख मेरे जहाज डूबने का नहीं है.. बल्कि उस जहाज के साथ साथ जो लड़किया डूब गई उसका दुख है.. क्या मस्त -मस्त अप्सराये थी.. हर रात दो -तीन के साथ प्यार करता था.. पर इस साले मूत भरे पानी से मेरी ये ख़ुशी बर्दाश्त नहीं हुई और जिस तरह तु अभी बह रहा था ना .. मै भी वैसे ही बहते हुई, एक आइलैंड तक जा पंहुचा था..."
"मैने.. मेरा मतलब.. हमारे लोगो ने तुम्हारी जान बचायी.. ये भी तो बताओ.. या भूल गए.."इतने मे राज बोला...
"तुम लोगो ने मेरी जान बचायी..? साले ज़िंदा खाने वले थे तुम्हारे लोग मुझे..."
"कैप्टन आदित्य, ये तुम्हारे साथ नाव मे कौन है और इस छोटी से नाव मे तुम दोनों यहाँ बीच समुन्दर मे कर क्या रहे हो..."
"हमलोग यहाँ मछली मार रहे है... दिखाई नहीं देता, भूखे -प्यासे यहाँ से किसी तरह निकलने कि जद्दोजहद मे लगे हुए है...आँख से अंधा है क्या.. "आदित्य बुरा सा मुँह बनाकर बोला...
"जिसे तुम कप्तान कह रहे हो.. मै उस नमूने को यहाँ से निकलने मे मदद कर रहा था..."मुस्कुराते हुए राज ने भी जवाब दिया
"नमूना किसे बोला बे जंगली..."
"तुझे बोला बे और तूने जंगली किसे बोला बे.. नमूने . बहुत देर से सुन रहा हु.. तेरी बकवास.. अब गलत तरीके से बात कि तो यही इसी वक़्त.. इस समुन्दर मे फेक दूंगा..."
"हाथ लगा के तो दिखा.. हाथ तोड़ के हाथ मे दे दूंगा.. कैप्टन आदि नाम है मेरा..... मेरे जहाज मे रहने वाली लड़कियों से मेरे बारे मे पूछना कभी यदि मुलाक़ात हुई तो... 2-2 घंटो तक उन्हें बिस्तर से उतरने नहीं देता था.. रोने लगती थी बेचारी..."
"अबे चुप...."नायर उन दोनों की बहस मे कूदा और कहा
"बेलाडोना इसीलिए तरफ से आएगा, जिस तरफ से मै समुन्दर मे बह कर आया हु, तो मेरा ख्याल है की यदि हम उसी दिशा मे इस कश्ती को ले चले तो.. बेलाडोना तक जल्दी पहुंच सकते है..."
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रिया बन्दूक के बारे मे पूछने रॉन के कमरे मे आयी. रिया को अपने कमरे मे घुसता देख.. रॉन उसके सामने अपने जांघो पर हाथ मल कर गंदे इशारे रिया को करने लगा... जिसे देख रिया जल भुन गई....
"तुम जरूर मुझसे प्यार करने आयी हो, पर मै अभी नही कर सकता.. अभी कुछ देर पहले ही उस गोरी लड़की के साथ... ओफ़्फ़्फ़... तुम रात को खाना खाने के बाद आना, दासी रिया"
रॉन कि गन्दी हरकत और गंदे शब्द सुनकर रिया का खून खौल उठा, लेकिन वो क्या करती.. उसे रॉन कि जरूरत थी. उससे भी कही ज्यादा उसके बन्दूक कि... इसलिए उसने रॉन कि गन्दी हरकतो को दरकिनार किया और बोली..
"मुझे, तुम्हारा बन्दूक देखना है..."
"बन्दूक देखना है... पर वो मै एक शर्त पर ही दिखाऊंगा.. आज रात को यदि तुम मेरे साथ मेरा बिस्तर गरम करोगी तो... तुम मुझे समझदार लगती हो, इसलिए समझ ही गई होगी की बिस्तर गरम करने का मतलब..."
"तुम्हारी जुर्रत कैसे हुई ऐसा कहने की...यदि मै चाहु तो अभी तुम्हे बेलाडोना से नीचे फेकवा सकती हु..."
"क्या करू, रिया डार्लिंग... तुझे देखते ही नीचे तनाव आ जाता है.. अब फैसला तुम्हे करना है की तुम्हे बन्दूक चाहिए या नही..? लोगी तो दोनों बन्दूक लेनी पड़ेगी. आग उगलने वाली भी और मेरा वाला भी... वरना एक भी नही मिलेगा.."शैतानी हसीं हसते हुए रॉन ने कहा
रिया कुछ देर सोचते रही और फिर... उसे वो ड्रैगन्स याद आए और उनकी वो ताबही... सेठ का रॉन की बन्दूक को लेकर उसी तर्ज पर और नये बन्दूक बनाने का प्लान और अंत मे रॉन की चेतावनी की... अगली बार वो ड्रैगन्स पहले से भी ज्यादा तादात मे आएंगे... उसे अपनी कंपनी मे ही कमजोर होती उसकी स्थिति का भी आभास हुआ.. यदि वो इस मिशन पर कामयाब नहीं हुई तो... उसके हाथ एक ढेला भी नहीं बचने वाला था... क्यूंकि कंपनी के खिलाफ जाकर इमरजेंसी फंड का पूरा पैसा रिया ने अपने बेलाडोना मिशन मे लगा दिया था.. अब उसके सामने विकट समस्या थी कि.. रॉन कि बात माने या ना माने....
"मैने ये फैसला लिया है की..."
"कोई फैसला लेने से पहले सोच लेना.. जानेमन... कि एक ड्रैगन से भी ज्यादा ख़तरनाक एक गुस्सैल ड्रैगन होता है... जो कि वो ऑलरेडी है... फिर अपना जवाब देना..."
"मैने फैसला लिया है कि......मुझे बन्दूक चाहिए..."अपना टॉप उतारते हुए रिया बोली...
"मुझे पसंद आया तुम्हारा ये फैसला...... Wow.. क्या नजारा है... "
रिया ने रूम का दरवाजा बंद किया और अभी वो दरवाजा बंद करके पीछे पलटी भी नही थी की रॉन ने उसे पीछे से पकड़ लिया और रिया को दरवाजे से टिका कर उसके पुरे शरीर को मसलने लगा...
"रॉन, तुम पक्के शिकारी हो..आह्ह..."
"वो तो मै हु... और अब कुछ मत बोलना.. मुझे ये सब करते हुई बीच बीच मे बात करना मजा नही आता..."
रॉन, ने रिया को अपनी तरफ घुमाया और उसके कमर को कसकर पकड़ लिया और रिया के पुरे शरीर को पूरी ताकत लगाकर अपने हाथो से मसलने लगा.. जिसके कारण रिया को दर्द भी महसूस हुआ और वो खुद को रॉन की कैद से छुड़ाने की कोशिश करने लगी... लेकिन रॉन के मजबूत हाथो से मुक्त होना नामुमकिन था... रिया, रॉन की कैद मे छटपटाने लगी और उसने रॉन को ऐसा करने से मना किया..
लेकिन रॉन पर इसका कोई असर नही हुआ तो रिया ने विनती की.. कि वो उसके साथ थोड़ा शालीनता से पेश आए... लेकिन रॉन अब पहले से भी ज्यादा हवसी हो गया.. रिया के लिए ये असहनीय होने लगा.. उसकी सांस तेज गति से ऊपर -नीचे होने लगी.. तभी रॉन ने एक झटके मे अपने मजबूत बाहो से रिया को ऊपर उठाकर अपने सीने से चिपका लिया...
"मै बहुत कम हसीनाओ के साथ कपडे उतर कर मजे करता हु, तुम उनमे से एक हो..."रिया के बाकी कपडे फाड़ते हुई रॉन हँसा...
अपने कपडे यूँ फटता देख रिया, रॉन की आँखों मे देखने लगी... ऐसे जब रॉन ने उसके कपडे फाड़े तो रिया की कंपकपी छुट गई... रिया के गर्दन को चूमते हुई अंततः उसने अपने होंठ रिया के होंठ से मिला दिए और रिया को लेजाकर बिस्तर पर पटक दिया. बिस्तर पर गिरते ही रिया अपने हाथो से अपने अंगों को छिपाने की नाकाम कोशिश करने लगी...
"उफ्फफ्फ्फ़.. What are you doing... Please do not..."
"अंग्रेजी मे बोल रही है.. मतलब अंग्रेजी स्टाइल मे करने को बोल रही होगी ... मतलब... अब समझा..."
रॉन ने अपने कपडे उतारे और कपडे उतारते ही रिया के ऊपर कूद पड़ा... रिया हाँफ़्ती.. दर्द से कराहती.. रॉन को बीच बीच मे रुकने के लिए कहती.... लेकिन रॉन कहा रुकने वाला था, वो और तेजी से काम वासना मे लीन हो गया, जिसके कारण रिया कि चीख भी निकलने लगी... जिसकी गूंज पुरे कमरे के साथ-साथ कमरे के बाहर भी शोर कर रही थी.. रिया जितना चिल्लाती, रॉन उतना ही और ताकत लगाता...जिससे रिया और भी चिल्लाने लगती...
रॉन, बीच मे रुका, जिससे रिया ने कुछ देर के लिए चैन कि सांस ली... पर अगले ही पल रॉन ने रिया को पीछे पलटा कर घुटनो के सहारे रिया को बिस्तर पर बैठाया... गुस्से मे रिया, रॉन के जांघो को अपने नाखुनो से नोंचने लगी.. लेकिन रॉन ने अपनी गति कम नही की और शोर फिर से पुरे कमरे मे गूंजने लगा. बहुत देर बाद जब रॉन का खेल ख़त्म हुआ तो वो रिया के ऊपर लदकर वही बिस्तर मे लेट गया और रिया के नग्न शरीर को चूमने लगा.
"मुझे वो बन्दूक अभी चाहिए..."
"सॉरी जान..."रिया के होंठो पर हल्का सा चुम्बन देकर रॉन बोला "सॉरी जान, मेरी बन्दूक तो समुन्दर मे गिर गई.. जब मैने अल्फा ड्रैगन को भुना था तो..."
ये सुनते ही रिया का माथा ठनका.. उसने रॉन को झटका देकर खुद से अलग किया और तुरंत नग्न अवस्था मे ही खड़ी हो गई....
"तुम्हारे होंठ बहुत मुलायम है.. एक बार और चूसने दो.."
"देख.. तु सीधे सीधे अपनी बन्दूक मुझे दे दे, वरना ज़िंदा जलवा दूंगी तुझे.. अभी इसी वक़्त..."
"सच बोल रहा जानेमन मै, बन्दूक ड्रैगन्स से लड़ते वक़्त समुन्दर मे गिर गई... पर अपना रुतबा कायम रखने के लिए मैने वो बात किसी को बतायी नही..."
"इसका मतलब तुमने मुझे झूठ बोलकर... मतलब मैने जो अभी किया. उसका कोई मोल ही नही निकला... "
"बिलकुल सही कह रही हो.. ये तो मैने तुम्हे मुफ्त मे ही पेल दिया.. शिकारी हु, शिकार को लालच देकर शिकार करना ही फितरत है मेरी... वैसे भी मैने तुम सबकी जान आज बचायी है तो उसका मेहनताना मान लो इसे..." रिया के करीब आकार उसके शरीर पर उंगलिया फिराते हुए रॉन मुस्कुराया...
"तुम अब शिकार बनोगे बहुत जल्द... इसे भूलूंगी नही मै, याद रखना.. साले.. देहाती.. "अपने फटे हुई कपडे ही पहन कर और ऊपर से चादर लपेट कर रिया बोली और वहा से जाने लगी...
"कितना रेटिंग दोगी रिया मुझे तुम... 10 मे से 10 ????"
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"ना बे... नायर... जब तुझे कैप्टन बनाया गया था तो, तूने अपने साथ दूरबीन वगैरह नही रखा था क्या...? "आदित्य ने नायर से पूछा
"नही..."
"पता नही तुझे कप्तान किसने बना दिया फिर."
"तु भी तो कप्तान था.. तेरे पास दूरबीन है क्या.."
"अबे मै, ड्रैगन्स से शूरवीरों के माफिक़ लड़ते हुई समुन्दर मे बहा था तेरी तरह किसी नौसीखिए के झांसे मे आकर समुन्दर मे नही गिरा था... कैप्टन आदि नाम है मेरा, मेरे वीरता के किस्से नही सुने तूने कोलकाता मे ?? कभी वहा के वेश्याखाने मे जाकर पूछना मेरे बारे मे... बहुत फैन फॉलोइंग है मेरी वहा... "
"कैसी शूरवीरता...? इतना बड़ा ही शूरवीर था तो अपने जहाज को क्यों नही बचा पाया .. जहाज के बिना कैप्टन का कोई मोल नही और ना ही उसकी पदवी की.. और मै कैप्टन नायर हु, तेरी तरह बहरूपिया नही बल्कि असली का कैप्टन हु.. बेलाडोना का और मेरा जहाज अभी भी सुरछित है... इसलिए तू कायदे से बात कर..."
"तेरी इतनी हिम्मत की तु कप्तान आदि को बहरूपिया बोला... पेल दूंगा यही पर.."आदित्य ताव -ताव मे वही खड़ा हो गया...
आदित्य को ऐसे ताव मे खड़े होता देख, नायर भी ताव मे आ गया. आखिर वो भी एक कैप्टन था... उसे भी बर्दाश्त नही हुआ की एक बिन जहाज का कप्तान उसकी इज्जत उतारे. ऊपर से धोखे से रॉन के द्वारा बेलाडोना से नीचे गिरने का गुस्सा अलग... आदित्य के शब्दों ने एक चिंगारी का कम किया और नायर भी शरीर मे जान ना होने के बावजूद खड़ा हुआ... राज मामले को बिगड़ता देख उन दोनों मे बीच -बचाव कराने कि कोशिश कि... लेकिन जब आदित्य ने राज को भी बुरा -भला कह दिया तो राज भी गुस्से मे एक किनारे हो गया..
"मरो.. सालो... मुझे क्या..."राज नाव मे किनारे बैठकर पतवार चलाते हुए बड़बड़ाया
और इसी बीच नायर ने आदित्य को जोर से धक्का दिया और आदित्य का संतुलन बिगड़ गया. आदित्य ने हवा मे इधर -उधर हाथ लहरा कर बहुत कोशिश की.. कि.. नाव से नीचे.. समुन्दर मे ना गिरे.. कुछ देर के लिए वो कामयाब भी रहा और खुद को नाव से नीचे गिरने से बचा लिया.. लेकिन नायर ने फिर से आदित्य को धक्का दिया... इस बार वो नीचे गिर ही जाता यदि ऐन मौके पर राज ने पतवार हाकना छोड़.. पतवार का सहारा आदित्य को ना दिया होता तो...
आदित्य ने भी नायर को धक्का दिया और इस बार राज ने पतवार नायर के पीछे सटा कर उसे नीचे गिरने से बचा लिया... इसके बाद फिर क्या था.. दोनों लड पडे एक दूसरे से गालिया देते हुए.... उन्हें लड़ता देख राज अपनी जगह से उठा और उन्हें अलग करने लगा.. राज ने उन्हें समझाया भी कि उनकी इस हरकत से नाव का संतुलन बिगड़ रहा है, लेकिन वो दोनों फिर भी नहीं माने... एक दूसरे से हाथा -पायी करते हुए आदित्य और नायर नाव मे एक किनारे गिरे.. जिसके कारण उस तरफ वजन ज्यादा हुआ और वो छोटी सी नाव उस तरफ से समुन्दर मे डूबने लगी.. नाव मे जब पानी घुसने लगा तो राज ने पतवार से उन दोनों को अलग करने कि कोशिश कि... पर आदित्य ने पतवार को पकड़ कर राज को भी अपनी तरफ खींच लिया... जिससे अब वो तीनो ही एक तरफ हो गये और नाव एकदम से पलट गई...
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रॉन हमेशा की तरह अब भी अपने सिद्धांतो का पालन करते हुई, शराब की बोतल को मुँह से लगाए अंदर से बाहर आया, जहा सेठ की निगरानी मे कुछ लोग जहाज के मरम्मत के काम मे लगे हुई थे...
"ओये.. ये सब क्या कर रहे हो..."
जिस पर किसी ने कोई प्रतिक्रिया नही दी और अपने अपने काम मे ही लगे रहे
"इतनी जल्दी अहसान भूल गए, सालो .. कोई बात नही, कर लो.. मरम्मत जहाज की.. मै तुम्हारी जगह होता तो अपना वक़्त जहाज की मरम्मत मे नही बल्कि अगली लड़ाई की तैयारी मे बिताता. क्यूंकि ड्रैगन्स फिर से आएंगे.. बहुत जल्द आएंगे "
Hayati ansari
29-Nov-2021 08:19 AM
Very best
Reply
Farhat
27-Nov-2021 12:45 AM
Good
Reply
Khushi jha
27-Oct-2021 06:35 AM
बढिया
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